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khanij or shaili kya hai

क्लास-11, भूगोल (geography ),अध्याय :- खनिज और शैल,नोट्स 




क्लास 11 जियोग्राफी का पूरा note उपलब्ध कराने वाला हूं, मैं एक एक कर के डेली एक पोस्ट डालूंगा, ताकि आपको याद करने मे परेशानी ना हो, 

अतः जियोग्राफी का पूरा नोट देखने के लिया आप हमसे बने रहे साथ ही चैनल को सब्सक्राइब कर दे, धन्यवाद,





खनिज :-

खनिज प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक ठोस अजैव पदार्थ है,

जिसके सुव्यवस्थित आणविक संरचना तथा एक निश्चित रासायनिक संगठन है,

जब मैग्मा ठंडा होता है तो खनिजों के क्रिस्टल बनते हैं इस प्रकार शुरू में बने क्रिस्टल मैग्मा में ही डूब जाती है जिससे मैग्मा के संगठन में गहराई के साथ परिवर्तन होता है,

बाद मे शैल में खनिजों का एक अनुक्रम बनता है इसके अतिरिक्त कुछ खनिज जैसा कोइला, पेट्रोल तथा प्राकृतिक गैस कार्बनिक पदार्थ है जो क्रमशः ठोस, तरल, तथा गैस रूप में पाए जाते हैं,




धात्विक और अधात्विक खनिज में अंतर :- 


धात्विक खनिज:

(1) : धात्विक खनिज को गलाने से धातु प्राप्त होता है,

(2) :धात्विक खनिज कठोर और चमकीले रंग के होते हैं,

(3) : धात्विक खनिज चटानो मे मिलते है,

(4): इन्हें चोट मारने पर यह नहीं टूटते,

(5): इन्हें मनचाहा रूप दिया जा सकता है,




अधात्विक खनिज:-

(1): अधात्विक खनिज से धातु प्राप्त नहीं किया जा सकता है,

(2):इसकी अपनी चमक होती है,

(3): यह परतदार चाटने में पाई जाती है,

(4):इसे चोट मारने पर कई टुकड़े में टूट जाती है,

(5):इन्हे मनचाहा सा रूप नहीं दिया जा सकता




शैल :-

भूपर्पटी का ऊपरी भाग स्थलमंडल का सबसे महत्वपूर्ण भाग है, ऊपरी 100 किलोमीटर मोटी परत को स्थलमंडल कहते हैं,

धराल से 16 किलोमीटर की गहराई तक 95% भूपरपति शैलो की बनी हुई है,,

शैल का निर्माण एक या एक से अधिक खनिज के मेल से होता है



शैल का वर्गीकरण :-

उत्पत्ति के आधार पर शैल को तीन भागों में बांटा गया है:-

(1):आगनेय शैल,  

(2): अवसादी शैल, 

(3): रूपांतरित शैल, 





  (1):आगनेय शैल :-

आगनेय शब्द लैटिन भाषा इग्नीश के एक शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ होता है " आग "

अतः यह एक ऐसा शैल है जिनका निर्माण पृथ्वी के भीतरी भाग में उपस्थित गरम द्रव के ठंडा होने से हुआ है,

तरल मैग्मा जब तब पृथ्वी के तल तक पहुंचता है तो उसका गैसीय अंश वायुमंडल मे विलीन हो जाता है और यह लावा को मूल कहा जाता है




(2): अवसादी शैल :-

ये चाटने आग्नेय चटानो की तुलना में बहुत कम परंतु पृथ्वी के तल पर यह विस्तृत रूप से फैली हुई है,




(3):रूपांतरित :-

metamorphic ग्रीक भाषा के 2 शब्दों के मिश्रण से बना है, meta-change तथा marphic -form (आकृति )

अर्थात पृथ्वी में पाए जाने वाले ताप या दबाओ अथवा दोनों की संयुक्त प्रभाव के करना अवसादी शैल के रंग-रूप, संरचना, कठोरता आदि में परिवर्तन आ जाते हैं,

इस परिवर्तन के कारण बनी हुई चटान को रूपांतरित शैल कहलाती है,




चटानी चक्र :-

सबसे पहले मैग्मा या लावा से अग्नि चटानो का निर्माण होता है, आग्नेय ओर अवसादी चटाने ताप ओर दाब के प्रभावहिन रूपन्तरित चटानो अधिक गहराई पर जा कर पिघलने के करने के बाद फिर से आग्नेय चटाने बन जाती है,

रूपांतरित चट्टान भी संगल द्वारा आग्नेय चाटने में बदल जाती है, इसी प्रकार चटाने अपने अनुकूल परिस्थितियों में अपना वर्ग बदलत्ती रहती हैं,

एक वर्ग के चटानो को दूसरे वर्ग के चट्टानों में बदलने की क्रिया को चटानी चक्र कहते हैं

आज के लिए इतना ही, आप सिर्फ हमारे द्वारा दिया हुआ पोस्ट पोस्ट को अच्छी तरह याद कर ले, क्योंकि इन्ही मे से परीक्षा मे पूछा जायेगा,



जियोग्राफी नोट देखने के लिया क्लिक करें

   क्लास-11, भूगोल ( geography ),अध्याय :- पृथ्वी की आंतरिक संरचना ( Internal structure of the earth ), नोट्स 



नमस्कार,

आज मै क्लास 11 भूगोल के अध्यय, पृथ्वी की आंतरिक संरचना का नोट्स ले कर आया हूं, इस नोट्स को आप याद कर ले धन्यवाद.





भू-कम्पीय तरंगे :-

भू-कम्पीय तरंगे मुख्यतः तीन प्रकार की होती है जो की निम्नलिखित है:-



(1): P तरंगे :-

इन्हे प्राथमिक तरंगे कहते हैं ये ध्वनि तरंगें की भांति अनुदैर्ध्य तरंगे होती है क्योंकि इनमें संरचना तथा कणो का दोलन एक ही सीध में होता है,

इसकी औसत गति 8 किलोमीटर प्रति सेकंड ( 8 km/सेकंड ) होती है, यह ठोस, द्रव, गैस तीन अवस्था में गुजर सकती है,



(2): S तरंगे :-

इन्हे गौण तरंगे भी कहते हैं इन तरंगों की संरचना दिशा तथा कणो कि दोनों की दिशा एक दूसरे के समकोण पर होती है,

इसकी ओर गति 4 किलोमीटर प्रति सेकंड ( km/sec) होती है यह ठोस माध्यम से गुजर सकती है तथा तरल माध्यम में विलुप्त हो सकती है



(3) : L तरंगे :-

इन्हे धरातलीय या लम्बी तरंगे भी कहते है ये तरंगे मुख्यता धरातल तक ही सीमित रहती है यह ठोस, तरल , गैस तीनो अवस्था से गुजरती है,

इसकी ओर गति 3 किलोमीटर प्रति सेकेंड ( 3km/sec) से भी कम है



पृथ्वी की आंतरिक संरचना:-

पृथ्वी की मुख्य संरचना मुख्यतः तीन परतो में विभक्त है:-

(1):भू- प्रापटी,

(2): मैंटल,

(3): क्रोड,





(1):भू- प्रापटी :-

पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह को भू- प्रापटी कहते हैं यह अन्य परतो की तुलना में बहुत ही पतली होती है,

और इसकी औसत मोटाई 33 किलोमीटर है यह पर्वतों के नीचे मोटी तथा महासागरों के नीचे पतली होती है यह पृथ्वी का ठोस है जिसकी रचना चट्टानों से हुई है



(2): मैंटल :-

पृथ्वी की भूपर्पटी पर के नीचे एक बहुत मोटी परत होती है जिसे मैंटल कहते हैं, यहां पर घनत्व 5 से बढ़कर 10 तक पहुंच जाता है मेंटल ठोस सैल का बना हुआ होता है मेंटल को दो उपवर्गों में बांटा गया है :-

(A):- उपरी मेंटल

(B):- नीचली मेंटल




( 3) : क्रोड:-

  पृथ्वी के केंद्र में गोलाकार क्रोड है भूकंप के उद्गम केंद्र के दूसरे ओर पृथ्वी पर एक ऐसा छोर है, जहां पर S- तरंगे नहीं पहुंच पाती | इसका अर्थ यह हुआ कि भू -क्रोड ठोस नहीं है




पृथ्वी की रासायनिक संरचना :-

(1) : भू -प्रापटी - सियाल ( सिलिकॉन + एल्युमीनियम )

(2) : मैंटल - सीमा ( सिलिकॉन + मैगनिसिअम )

(3) : क्रोड - निफे ( निकेल + लोहा )




आज के लिए इतना ही, आप सिर्फ हमारे द्वारा दिया हुआ पोस्ट पोस्ट को अच्छी तरह याद कर ले, क्योंकि इन्ही मे से परीक्षा मे पूछा जायेगा,

धन्यवाद



INDIAN ARMY

इस साइट पर भारत मे आने वाले आर्मी के वेकन्सी आते रहते है। अगर आप का भी सपना है की आप आर्मी बने तो आप बिलकुल सही जगह आये है। बस आप निचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस वेबसाइट पर जा सकते है।




नमस्कार .

दोस्तों आज मई इस पोस्ट पर मई आप सभी को बताने वाला हु की आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल से नोट कैसे लिख सकते है  

जब भी आप के दिमाग में कुछ विचार आये और आप उसे कही नोट करना चाहते है तो आप सोचते होंगे की मई कहाँ अपने बात को लिख के रखु पर अब आप को इस बात का टेंशन लेने को जरुरत नहीं है आप सिर्फ हमारे वेब्सिटर में आप आये है ,आप सिर्फ निचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर आप 

नोटपेड़ पर जा सकते है


AVERAGE =AVERAGE(C2:C5)


COUNT =COUNT(E2:E5)


CEILING =CEILING(F2,1)


CONCAT =CONCAT(C2,B2)


DATEDIF =DATEDIF(A2,B2,"d")


FLOOR =FLOOR(F2,1)


HLOOKUP =HLOOKUP(B1,B1;E5,2,FALSE)


IF =IF(G2<24.9,"Fit,"Unfit")


LEFT =LEFT(A2,9)


LOWER =LOWER(A1:F1)


MIN =MIN(E2:E5)


MAX =MAX(E2:E5)


MID =MID(A2,11,6)


NOW =NOW()  


REPLACE =REPLACE(A2,1,1,"B")


RIGHT =RIGHT(A2,7)


POWER =POWER(D2/100,2)


PROPER =PROPER(A1:F1)


UPPER =UPPER(A1:F1)


SUM =SUM(C2:C5)


SUBSTITUTE =SUBSTITUTE(A4,"Jacoba","Rahim")


TODAY =TODAY()


TRIM =TRIM(A4)


VLOOKUP =VLOOKUP(A2,worksheet1!B2:H20,6,FALSE)






इ कल्याण स्कोलरशिप 

  नमस्कार आप निचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के इ कल्याण स्कोलरशिप के वेबसाइट पर डायरेक्ट जा सकते है 




डाक्यूमेंट्स 

इस स्कोलरशिप को भरने के लिए आप को सिर्फ निचे दिए गए डाक्यूमेंट्स को इक्कठा करना होगा 


आधार कार्ड 

मोबाइल नंबर आधार से जुडा हुआ 

क्लास १० मार्कशीट 

क्लास १० एडमिट कार्ड 

करंट वर्ष का एड्मिसन नंबर और डेट 

आवासीय प्रमाण पत्र 

आय प्रमाण पत्र 

जाती प्रमाण पत्र 

बोनाफिएद सर्टिफिकेट

पासपोर्ट फोटो

पिछला वर्ष का मार्कशीट 







किस वेबसाइट से इ कल्याण फॉर्म भरे 

इसकेलिए आप को टेंशन लेने को जरुरत नहीं है क्योकि में आप के साथ हूँ और हमेसा साथ रहूँगा इसलिए आप सिर्फ मेरे द्वारा बताये गए दिसा निर्देश को फॉलो करे और निचे दिए गए फॉलो बटन को भी दबा के तोड़ दे , 


अब आपको निचे दिया गया लिंक पर क्लिक कर के आप इ कल्याण के ऑफिसियल वेब साईट पर आराम से जा सकते है धन्यवाद्





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