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Fundamentals of investment b com(hons pdf) notes

Fundamentals of investment b com(hons pdf) notes



नमस्कार,

आज आपको इस पोस्ट पर निम्न जानकारी प्राप्त होने वाली है :

* निश्चित आय सुरक्षा ( fixed income security ) क्या है?

* बॉन्ड क्या है?

*बॉन्ड के प्रकार।

*बॉन्ड कि विशेषता।

*बॉन्ड जोखिम के प्रकार।

* डिफाल्ट रिस्क और क्रेडिट रेटिंग





प्रश्न :-निश्चित आय सुरक्षा ( fixed income security ) क्या है?

उत्तर :-

निश्चित आय सुरक्षा ( fixed income security )

वे सिक्योरिटी होते है जो किसी निवेशक ( investors ) द्वारा अपने आय ( income ) क़ो निवेश ( invest ) करता है, जिसके ऊपर इंटरेस्ट ( interest )मिलता है, और ये इंटरेस्ट एक निश्चित दर पर और निश्चित समय पर मिलता है, जिसे निश्चित आय सुरक्षा ( fixed income security ) कहते है.

'अथवा '

एक बांड या डिबेंचर एक बुनियादी निश्चित आय सुरक्षा है। जो एक उधारी इकाई द्वारा एक उधार समझौते/व्यवस्था के तहत जारी किया जाता है (A Bond or Debenture is a basic fixed income security. Which is issued by a Borrowings unit under a borrowing agreements / arrangement.)




BOND क्या है

उत्तर :-

जिस प्रकार एक व्यक्ति जो अपने पैसे क़ो किसी शेयर बाजार में निवेश कर रहा है और शेयर ख़रीदता है, ठीक उसी प्रकार जब हम शेयर बाजार को हम ना देकर किसी कंपनी या सरकार को पैसा देते हैं तो उसके बदले हमें BOND खरीदना पड़ता हैँ. बांड कहलाता हैं.

जब हम किसी कंपनी से बॉन्ड खरीदते हैं तो उसमें कितना प्रतिशत ब्याज मिलेगा यह उस निश्चित किया हुआ होता है,

बॉन्ड क़ो हम हिंदी में 'ऋणपत्र' या 'प्रतिभूति' भी कहते हैं.




बॉन्ड के प्रकार (type of Bond )?

उत्तर :-

बॉन्ड के प्रकार के निम्नलिखित प्रकार है :-

1- सरकारी बॉन्ड ( Government Bond).

2-निगमित बॉन्ड ( corporate bond).

3:-नगर निगम का बॉन्ड ( municipal bond).

4:- हाई येल्ड बॉन्ड ( high yeild bond).




  1- सरकारी बॉन्ड ( Government Bond):-

यह वह बॉन्ड है जिसमे जब सरकार के पास धन ( money ) की कमी हो जाती है तो वह बॉन्ड जारी करता है, इस बॉन्ड आम आदमी खरीदता है और उसके बदले सरकार को धन देता है जिसे सरकार के पास धन की पूर्ति हो जाता है, सरकारी बॉन्ड कहलाता है,

सरकारी बॉन्ड सुरक्षित और फायदेमंद होता है.



2-निगमित बॉन्ड ( corporate bond):-

   निगमित बॉन्ड ( corporate bond) जैसे किसी कंपनी क़ो जब पैसों की जरूरत होती है तो वह बॉन्ड जारी करता है और इस बॉन्ड को आम आदमी खरीदता है मैं उसके बदले कॉरपोरेट्स को धन देता है जिससे कॉरपोरेट के पास धन की पूर्ति हो जाती है, कॉर्पोरेट बॉन्ड कहलाता है. परन्तु इस बॉन्ड मे रिस्क होता है और ब्याज की दर काफी अधिक होता है.



3:- नगर निगम बांड ( municipal bond):- 

म्युनिसिपल बॉन्ड एक सरकारी बॉन्ड होता है, इसमें ( नगर निगम, नगर पालिका के द्वारा सड़क निर्माण,स्कूल निर्माण ) करने के लिए धन इकट्ठा करना होता है, जिसके लिए नगर निगम बॉन्ड जारी करता है.



4:- हाई येल्ड बॉन्ड ( high yeild bond):-

हाई येल्ड बॉन्ड ( high yeild bond) वह बॉन्ड होता है जो कंपनी नया-नया हो वह बॉन्ड जारी करता है,इसमें काफी अधिक जोखिम होता है परंतु ब्याज दर इसमें सबसे अधिक मिलता है.




बॉन्ड कि विशेषता ( feature of bond ) क्या है?

उत्तर :-

बॉन्ड कि निम्नलिखित विशेषता है :-

1: वित्त की प्रकृति (Nature of Finance) :-

* कंपनी कभी भी बॉन्ड को लंबे समय के लिए जारी करती है.

* लंबे समय मे 5 से 10 साल और अधिक होते हैं.



  2: बांड धारक की स्थिति ( Status of bond holder) :-

* बॉन्ड होल्डर कंपनी का क्रेडिटर होता है.

* बॉन्ड होल्डर को अधिकार नहीं होता है कि वह मैनेजमेंट पार्टिसिपेट में भाग ले.



3:- बांड पर वापसी (Return on bond) :-

*इसमें फिक्स्ड रेट का ब्याज (interest) मिलता है.

*यह नियमित अंतराल देय( regular interval payable ) होता है.



बांड जोखिम का प्रकार ( Type of Bond risk) 

1:-बॉन्ड का सबसे बड़ा रिक्स यह होता है कि जब जिस कंपनी से बॉन्ड खरीदते हैं अगर वह कंपनी दिवालिया हो जाए तो हमारे द्वारा खरीदा गया बॉन्ड डूब जाता है.


2:- अगर ब्याज दरों में वृद्धि हो तो बॉन्ड के बाजार मूल्य मे कमी आ जाती है.


3:- इसमें जोखिम के अनेक प्रकार है :-

प्रीपेड जोखिम, क्रेडिट जोखिम, अस्थिरता, घटना जोखिम आदि।




डिफाल्ट रिस्क और क्रेडिट रेटिंग क्या है?

Default Risk :-

डिफाल्ट रिस्क वह रिस्क होता है जिसमें एक ऋणदाता इस अवसर पर ऋण देता है कि एक उधारकर्ता ऋण दायित्व पर आवश्यक भुगतान करने में असमर्थ होगा, उधारकर्ता और निवेशक को लगभग सभी प्रकार के क्रेडिट एक्सटेंशन में डिफॉल्ट जोखिम का सामना करना पड़ सकता है जिनमें से डिफाल्ट रिस्क भी है. जिसमें जब एक इन्वेस्टर अपना मनी को इनवेस्ट करता है.


Credit Rating :-

क्रेडिट रेटिंग वह रेटिंग है जिसमे जब इन्वेस्टर अपना मनी क़ो इन्वेस्ट करना चाहता है,जिसके लिए वे किसी कंपनी मे अपना मनी को इन्वेस्ट करता है और जो कंपनी इस मनी को लेती है उसे क्रेडिटर कहते है,

क्योंकि यह कंपनी, मनी को क्रेडिट में लेता है क्रेडिटर को इसके बदले प्रिंसिपल मनी के साथ इंटरेस्ट/ देबेंचर देना होता है,

कभी-कभी ऐसा होता है कि क्रेडिट मनी को समय पर नहीं दे पाता उसे फ्रॉड ( fraud ) कहते हैं,और ऐसे कंपनी को क्रेडिट रेटिंग संस्था है जो कि इसे रेटिंग देती है ,ताकि कोई भी इन्वेस्टर जब अपना मनी इन्वेस्ट करना चाहे तो कंपनी का रेटिंग देख कर ही उस कंपनी मे इन्वेस्ट करेगा, ताकि इन्वेस्टर के साथ फ्रॉड ना हो,


ये रेटिंग निम्नलिखित प्रकार के होते हो :-

AAA, AA, A, BBB, BB, B, C, D.



सरल भाषा मे :-

इसे जब कोई इन्वेस्टर किसी कंपनी या व्यक्ति क़ो स मनी निश्चित समय,निश्चित रेट के साथ देता है, पर वह व्यक्ति या कंपनी समय पर मनी क़ो इंटरेस्ट के साथ नहीं चुका पाता तो उसे फ्रॉड कहते हो और उसे एक रेट दिया जाता है जिसे क्रेडिट रेटिंग कहते हैं.



धन्यवाद 








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