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अध्याय = ' खान पान की बदलती संस्कृति ' के सभी प्रश्नों का उत्तर

 अध्याय = ' खान पान की बदलती संस्कृति ' के सभी प्रश्नों का उत्तर 


नमस्कार,

आज क्लास -7, हिंदी ( प्राची सारांश ), अध्याय = मीर के पद, के सभी प्रश्नों का उत्तर उपलब्ध कराया गया है,


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प्रश्न और उत्तर :-

प्रश्न 1:- फ़ास्ट फूड में क्या-क्या खाद्य पदार्थ शामिल है? लोग इन्हे क्यों पसंद करने लगे हैं?

उत्तर :

फ़ास्ट फ़ूड मे नूडल्स, मैगी, पिज्जा, बर्गर,आलू के चिप्स, कोल्ड ड्रिंक आदि, खाद्य पदार्थ शामिल है,

आज लोगों के पास समय का अभाव है, लोग हर बात मे जल्दबाजी में रहते हैं उन्हें खाना पकने का भी जल्दी है, वे रेडी-टू- ईट फूड खाना पसंद करती है.



प्रश्न2 :-

फास्ट फूड की गुणवत्ता को जांचने के उपरांत उनमे किन किन तत्व का पता चला है? ये तत्व हमारे शरीर पर क्या प्रभाव डालते हैं?

उत्तर :-

फ़ास्ट फ़ूड की गुणवत्ता को जांचने के उपरांत यह पाया गया है कि इसमें पोषण तत्वों का अभाव रहता है, इनमें नमक की मात्रा अधिक होती है, जिसे हानिकारक तत्व माना जाता है, या तो हमारे शरीर पर कैलोरीज़ की अधिकता थे, खाद्य पदार्थ मोटापा पढ़ाते हैं इसमें प्रयोग से कालोस्ट्रॉल की मात्रा खून में बढ़ जाती है, मधुमेह, ब्लडप्रेसर ह्रदय रोग, गैस, कब्ज, तथा पेट की अन्य बीमारियों क़ो अपनी गिरफ्त मे ले लेती है.





प्रश्न 3:- फास्ट फूड क़ो शरीर के लिए जहर क्यों कहा गया है?

उत्तर :-

फ़ास्ट फ़ूड क़ो स्वस्थ के लिए जहर कहा गया है क्योंकि इससे व्यक्ति का स्वास्थ्य चौपट हो जाता है खासकर बच्चों के लिए यह फास्ट फूड जहर का काम करता है.





प्रश्न 4:- फास्ट फूड के प्रति युवा वर्ग में प्रचलन क्यों बढ़ रहा है?

उत्तर :-फस्ट फ़ूड बच्चो और युवाओं के प्रति तेजी से लगाव बढ़ रहा है, इधर उधर खा पी कर भी अपना काम चला देते हैं, अब तो गांव में दूध दही खाने वाले युवा भी इसकी गिरफ्त में आते जा रहे है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि खाद खुराक खाते गबरु बनने वाले गांव के बच्चे अब क्या पहलवान बन पाएगे, गांव के लोग शहर की तर्ज पर अपनी जीवनचार्य बदल रहे है, गांव में जगह जगह फास्ट फूड की रेहडिया दिखाई देती है.




प्रश्न 5:- हमारे परंपरागत फास्ट फूड कौन-कौन से हैं? इनको हमने क्यों त्याग दिया?

उत्तर :-

हमारे परंपरागत फ़ास्ट फ़ूड मे सत्तू, चिड़ा, चना, मक्खन, लस्सी और फल है जिसको हमने त्याग कर ऐसी खाद्य वस्तु क़ो अपना रहे है, जिनसे केवल हानि ही है, लाभ नहीं, पश्चिमी देशों में अब सतर्कता बरती जा रही है, अमेरिका और ब्रिटेन में ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगा दी गई है जो बच्चों को जंक फूड खाने के लिए प्रेरित करते है.



प्रश्न 6:- जंक फूड को कई देशों में हतोत्साहित क्यों किया जा रहा है?

उत्तर :-

जंक फ़ूड हतोत्साहित किये जाने लगा है, फ्रांस मे शुरू हुई इपोड़ मुहीम मे स्कूली बच्चे ही नहीं नहीं पूरे समाज को स्वस्थ रहने का मूलमंत्र दिया जा रहा है, काबोनेटेड पेय पदार्थ में सोडा, कैफीन और फास्फोरस होती है, इनके कारण शरीर में कैल्शियम की पूरी मात्रा का समावेश नहीं हो पाता और इससे हड्डिया कमजोर होने लगते हैं.





प्रश्न 7:- खानपान की मिश्रित संस्कृति से क्या तात्पर्य है इसका क्या दोष सामने आ रहा है?

उत्तर :-

खान-पान की मिश्रित संस्कृति से तातपर्य है इसके कारण हम खान पान की कई चीजे का असली और अलग स्वाद नहीं ले पाते, कई बार हम बिलकुल विपरीत प्रकृति के व्यंजन एक साथ परोस लेते है, 

खानपान की मिश्रित संस्कृति हमें खाने के लिए कुछ भी चीजें को चुनने का अवसर देती है पर हम उसका उचित लाभ नहीं उठा पाते.





प्रश्न 8:- हमारे परंपरागत खाद्य पदार्थों का घर और बाजारों से गायब होना क्या प्रकट करता है?


उत्तर :-

पश्चिमी देशों में अब सतर्कता बरती जा रही है अमरीका और ब्रिटेन में भी.





.......... STUDY WITH MOTIVATION..........

" बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है।

:-स्वामी विवेकानं"



धन्यवाद


  क्लस-10, हिंदी ( क्षितिज ), अध्याय ="एक कहानि यह भी "




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प्रश्न और उत्तर :


  प्रश्न 1:- लेखिका के व्यक्तित्व पर किन-किन व्यक्तियों का किस-किस रूप में प्रभाव पड़ा?


उत्तर :- लेखिका के व्यक्तित्व पर निम्नलिखित व्यक्तियों का प्रभाव पड़ा :

पिताजी का प्रभाव:- लेखिका के व्यक्तित्व पर पिताजी के स्वभाव एव आदतों का अप्रत्यक्ष रूप से गहरा प्रभाव पड़ा, पिताजी के गोरे रंग के प्रति लगाव ने लेखिका के अंदर हीन भाव की ग्रंथि पैदा कर दी, क्योंकि वह काली है इसी हीन दृस्टि के कारण लेखिका कभी अपनी उपलब्धि पर भरोसा नहीं कर पाती थी, पिताजी के सक्की व्यवहार का भी लेखिका पर गहरा प्रभाव पड़ा, उसके अपने स्वाभाव में भी शक की झलक दिखाई देती थी,

प्रधानाध्यापिका शीला अग्रवाल का प्रभाव :- ज़ब लेखिका का दसवीं पास कर फर्स्ट ईयर में आए तब उसका परिचय हिंदी प्रधान अध्यापिका शिला अग्रवाल से हुआ,उन्होंने लेखिका क़ो बाकायदा साहित्य की दुनिया में प्रवेश कराया, साहित्य में रुचि उत्पन्न करने तथा लेखन की ओर प्रेरित करने में शिला अग्रवाल का बहुत योगदान था,लेखिका उनके साथ लंबी लंबी बहसे करते थे, शिला अग्रवाल ने लेखिका का साहित्य दायरा तो बढ़ाया ही साथ ही देश की सक्रिय भागीदारी करने को प्रेरित किया.



प्रश्न 2:- इस आत्मकथा में लेखिका के पिता ने रसोई को भाटीयारखाना कहकरक्यों संबोधित किया है?

उत्तर :- 

लेखिका के पिता का आग्रह रहता था की वह रसोई से दूर रहें, वे रसोई क़ो भटियारखाना कहते थे. उनका कहना था कि रसोई के इस भटियारखाने में रहने से व्यक्ति की प्रतिभा और क्षमता भट्टी में चली जाती है अर्थात नष्ट हो जाती है वैसे समय की बर्बादी मानते थे



    प्रश्न 3:- लेखिका की अपने पिता से वैचारिक टकराव को अपने शब्दों में लिखिए?



उत्तर :- लेखिका और उसके पिता का विचार आपस में टकराते थे, पिता लेखिका क़ो देश समाज के प्रति जागरूक बनाना चाहते थे, किंतु उसे घर तक ही सीमित रखना चाहते थे, वे उसके मन में विद्रोह और जागरूक के स्वर भरना चाहते थे,किंतु उसे सक्रिय नहीं होने देना चाहते थे, लेखिका चाहती थी कि वह अपनी भावनाओं को प्रकट भी करें, वह देश की स्वतंत्रता में सक्रिय हो कर भाग ले,यही आकर दोनों की विचार टकराते थे, पिता नहीं चाहते थे की लेखिका अपनी मनमर्जी से राजेंद्र यादो से शादी करें, परन्तु लेखिका ने उनकी परवाह नहीं की.





प्रश्न 4:-इस आत्मकथा के आधार पर स्वाधीनता आंदोलन के परिदृश्य का चित्रण करते हुए उसमें मनोज जी का भूमिका को रेखांकित करें|



उत्तर :-सन 1942 से लेकर 1947 तक का समय स्वतंत्रता आंदोलन का समय था, पूरे देश में हड़ताले हो रहे थे, प्रभात फेरी निकाली जा रहे थे, जुलूस निकाले जा रहे थे,सड़कों पर ग्रुप बनाकर नारे लगाए जा रहे थे, सारी मर्यादा टूट रही थी, घर के बंधन स्कूल कॉलेज के नियम सब्जिया धज्जियां उड़ रही थी, लड़कियां भी लड़कों के साथ खुलकर सामने आ रही थी ऐसे वातावरण में लेखिका मन्नू भंडारी ने अपूर्व उत्साह दिखाया उसने पिताजी की इच्छा के विरुद्ध सड़कों पर घूम-घूम कर नारेबाजी की, भाषण दिए और ताले की जुलूस निकाले,उसके एक इशारे पर पूरा कॉलेज कक्षाएं छोड़कर आंदोलन में साथ हो गए थे, हम कह सकते हैं कि स्वतंत्रता सेनानी थी.




      प्रश्न 5:- लेखिका ने बचपन में अपने भाइयों के साथ गिल्ली डंडा तथा...... अपने परिवेश के आधार पर लिखें

उत्तर :- 

लेखिका ने बचपन में अपने भाइयों के साथ गिल्ली डंडा तथा पतंग उड़ाने जैसी खेल खेले.उसने कांच पीसकर मांझा सूतने का काम भी किया, लेखिका उनकी गतिविधियों का दायरा घर की जातिवादी तक सीमित रहता था.

आज लड़कियां के लिए स्थितियों में बदलाव आया है और आ रहा है अब लड़कियां घर से निकलकर बाहर जाती है, वे पढ़ने जाती है नौकरी करने जाती है तथा समाज के अन्य गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लेती है, खेल जगत में भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है आज लड़कियों को लड़के के साथ ही समझा जाता है, यह दौर परिवर्तन का है ग्रामीण क्षेत्र में अभी और परिवर्तन की आवश्यकता है.


प्रश्न 6:- मनुष्य के जीवन में आस-पड़ोस का बहुत बड़ा महत्व होता है परंतु महानगरों में रहने वाले लोग प्रया पड़ोस के कल्चर से वंचित रह जाते हैं इस बारे में अपने विचार लिखिए.

उत्तर :- 

यह सही है कि मनुष्य के जीवन में आस- पड़ोस का बहुत महत्व है बड़े शहरों में रहने वाले लोग प्रया पड़ोस के कल्चरसे वंचित रह जाते हैं, अकेलेपन की पीड़ा झेलते है उनके दुख-दर्द में साथ देने वाला कोई नहीं होता, सब अपने में से रहते हैं हमारा अनुभव इसी प्रकार का है हमारे पड़ोस में स्त्री रात्रि के समय एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई, रात भर उनके पास दुख बाटने के लिए कोई नहीं आया था, पर सुबह होने पर दिखावा करने के लिए कुछ लोग सहानुभूति प्रकट करके अपने-अपने काम पर चले गए,कहीं दस से ग्यारह बजे तक कुछ लोग आ गए तब जाकर मृतकों को क्रिया करम करने के लिए समसान जाया जा सका.




.प्रश्न 7:-इस पाठ के माध्यम से लेखिका क्या बताना चाहती है?

उत्तर :-

यह पाठ आत्मकथत्मक शैली से रचित है,इसमें लेखिका ने अपने बचपन,किशोरावस्था एवं युवाअवस्था एवं घर और अपने आसपास के वातावरण का चित्रण करना चाह रही है, वह तत्कालिन स्वतंत्रता आंदोलन की गतिविधियों की झलक प्रस्तुत करना चाहती है,लेखिका का अपने व्यक्तित्व पर पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण करती जान पड़ती है.





        प्रश्न8 :- गरीबी का जीवन पर क्या कुप्रभाव पड़ता है अस्पष्ट करें!


उत्तर :-

गरीबी से मनुष्य की प्रसन्नता उदारता और उदासीनता नष्ट होती है जो मनुष्य वैभव के दिनों में बहुत उदार और जिंदा दिल होता है वही गरीबी के कारण संकुचित, कंजूस और सक्की हो जाता है उसकी सद्भावना नष्ट हो जाती है और कंठित हो जाता है उसका जीवन क्रोध और भई जैसे नकारात्मक भाव से भर जाता है लेखिका के पिता के साथ एक ऐसा ही होता है



प्रश्न 9:-" एक कहानी यह भी" आपको क्या प्रेरणा संदेश देती है?


उत्तर :- 

एक कहानी यह भी नामक आत्मकथा हमें अनेक संदेश देती है:-

पहला संदेश यह है कि स्वतंत्रता और जन आंदोलन पर केवल पुरुषों का ही अधिकार नहीं है स्त्रियां का भी इसमें बराबर की भागीदारी होनी चाहिए, इसे पढ़कर लड़कियों और स्त्रियों को भी संघर्ष करने की प्रेरणा मिलती है.

दूसरा संदेश यह है कि यह सत्य और स्वतंत्रता के मार्ग में हमारे बड़े बुजुर्ग, और,प्रिया जनक भी बाधा बन सकते हैं हमें उनसे संघर्ष को टालते हुए स्वतंत्रता की राह नहीं छोड़नी चाहिए.

तीसरा संदेश दिया है कि हम चाह कर भी अपनी परंपराओं पूर्वजों और अतीत से नहीं कट सकते,वह किसी न किसी प्रकार हमारे व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं.






     क्लास-7, हिंदी ( सारांश ), अध्याय = ' मेरी तमिलनाडु यात्रा' के प्रश्न और उत्तर 




नमस्कार,

आज क्लास -7, हिंदी ( प्राची सारांश ), अध्याय = मेरी तमीनलाडू यात्रा , के सभी प्रश्नों का उत्तर उपलब्ध कराया गया है

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1:- रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :-

a:- ( चैन्नई ) तमिलनाडु की राजधानी है।

b:- ( तिरुवल्लुवर ) तमिल के प्रसिद्ध कवि थे।

c:- तमिल के प्रसिद्ध काव्य का नाम ( शिल्पधिकराम ) हैँ।

d:- नटराज की मूर्ति ( क्रोध ) मुद्र में है।

e:- कंजकुमारी के साथ ( संमगं स्थल ) का नाम जुड़ा हुआ है।





2:- निम्न लिखे प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनाव करे :-

a:- लेखक क़ो कौन सा मित्र तमिलनाडु जा रहा था 

अ -गुरुजन 

ब - मुरुमान

स -चिउदम्बर

द -पोल्याची


उत्तर :- ब -मुरुगन



b:- कन्नगी के मुख मुद्रा पर कौन सा भाव था? 

अ -क्रोध का 

ब -हसी का 

स -बदले का 

द -मुस्कराने क

उत्तर:- अ -क्रोध का 


c:- दक्षिण में मंदी के मुख द्वार क्या कहते है 

अ -गोपुरम

ब -स्तम्भ 

स -परकोटा

द -शिल्पम

उत्तर:- अ - गोपुरम, 


d:-कांचीपुरम के मंदिर किसने बनवाये 

अ -पल्लव राजाओ ने 

ब -तमिल राजाओ ने 

स -चलुइज़ ने 

द -सामान्य लोगो ने

उत्तर :- अ -पल्लव राजाओ ने 





प्रश्न और उत्तर :-


प्रश्न1 :- तमिलनाडु कहां स्थित है इसकी आकृति कैसी है?

उत्तर : पूर्वीघाट और पश्चिमी घाट की पहाड़ियों के बीच दक्षिणी छोरो का मेल तमिलनाडु मे हुआ है,तमिलनाडु भारत के दक्षिणी सीमा तिकोनी आकृति वाला प्रदेश है.





प्रश्न 2:- कावेरी नदी तमिलनाडु को कौन-कौन से भागों में बांट देती है यहां का प्राकृतिक दृश्य कैसा था?

उत्तर :-

कावेरी नदी तमिलनाडु को दो भागों में बांट देती है, कावेरी नदी नहरो के जाल और अपने सहायक छोटी छोटी नदी में यहाँ के अधिकांश भूभाग को उपजाऊ बनाए रखती है. पोलयाची और पालघाट के बीच की उर्वरा वादिया और घाटियों अपनेप्राकृतिक दृश्य से तुम्हारा मन मोह लेती है.


प्रश्न 3:- कंनंगी के साथ कौन सी कथा जुड़ी है?

उत्तर :-

कलंगी तमिल काव्य ग्रन्थ शिल्पाधिकारम की नायिका है, रानी कानपुर मे खो जाने पर राजा ने उसके पति को चोर समझकर मरवा दिया, कंनंगी ने अपना दूसरा नूपुर दिखा कर सिद्ध किया कि उसका पति चोर नहीं था, वही क्रोध का भाव इस मूर्ति से प्रकट हो रहा है




    प्रश्न 4:-कपालेश्वर मंदिर के बारे में गाइड ने क्या बताया?

उत्तर :-

कपालेश्वर मंदिर के बारे में गाइड ने बताया की :- कपालेश्वर मंदिर प्रसिद्ध शिव मंदिर है,इसके गोपुरम बहुत ऊंचे हैं,गोपुरम एक प्रकार के मंदिर के मुख्य द्वार का दूसरा नाम है, कपालेश्वर मंदिर के तीनो ओर प्रवेश द्वार है, इस मंदिर मे उत्कृष्ट कोटि की शिल्पकला के नमूने देखने को मिली है, इसी मंदिर के आसपास कहीं प्रसिद्ध कवि तिरुवल्लूवर रहते थे.


प्रश्न 5:- महाबलीपुरम के क्या विशेषता है?

उत्तर :-

महाबलीपुरम चेन्नई से 60 किलोमीटर दूरी पर स्थित है,यहां की शिल्पकला लगभग सातवीं सदी की है, यहां के गुफा,मंदिर, रथ और दीवार पर अंकित चित्र देखने योग्य है,यहां कई मंदिर जलमग्न हो गई है.




प्रश्न 6:- कांचीपुरम किसके लिए प्रसिद्ध है?

उत्तर :-

कांचीपुरम रेशमि साड़ी के लिए प्रसिद्ध है.




      प्रश्न7 :- तमिलनाडु के पवित्र स्थानों में चिदंबरम का क्या स्थान है?

उत्तर :-

तमिलनाडु के पवित्र स्थानों में चिदंबरम का स्थान सर्वोपरि है, नटयज की प्रशिद्ध मूर्ति भी यही है,



प्रश्न 8:- श्रीरंगम का प्रसिद्ध मंदिर कहां स्थित है यह क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर :-

श्रीरंगम का प्रसिद्ध मंदिर त्रिचियपल्ली मे है, यहा कल सात परकोटी है,यहां कावेरी नदी कई धाराओं मे बढटकर एक छोटे टापू का निर्माण करती है, यह 200 साल से ज्यादा पुराना है.





प्रश्न 9:-मदुरे मे कौन सा, l मंदिर है इसकी प्रसिद्धि किन कारणों से है?

उत्तर :-

मतुरे मे एक ओर मीनाक्षी मंदिर है दूसरी ओर सुदरेश्वर का मंदिर है, इसके गगन चुम्बी गोयूरम विशेष विशेष रुप में दर्शानिया है, मीनाक्षी मंदिर में वस्तुकला और मूर्तिकला के अनुपम नमूने है, हज़ार स्तम्भ वाला मंडप ओर वहाँ की मुर्तिया पर उत्कर्ण शिल्प बेजोड़ है, भवन के अंतिम छोर मे एक अलग मंडप मे नटराज की नृत्य करती हुई मूर्ति है.




प्रश्न 10:- कन्याकुमारी मे लेखक ने क्या देखा?

उत्तर :- 

लेखक ने कन्याकुमारी में देखा किया की - यह स्थान 3 सागर अरब सागर,हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी के संगम स्थल पर स्थित है, कन्याकुमारी मे लेखक ने सूर्योदय और सूर्यास्त के सुंदर दृश्य देखे.



.......... STUDY WITH MOTIVATION..........

" बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है।

:-स्वामी विवेकानं



धन्यवाद




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